उत्तर कोरिया ने बृहस्पतिवार को पुष्टि की उसने पनडुब्बी से एक नयी बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया और बाहरी खतरों तथा अपनी सैन्य ताकत को बढ़ावा देने के प्रयासों की दिशा में इसे एक “महत्त्वपूर्ण उपलब्धि” करार दिया। उत्तर कोरिया ने बुधवार (2 अक्टूबर) को पिछले तीन साल में पहली बार पनडुब्बी से प्रक्षेपित होने वाली मिसाइल का परीक्षण किया था। यह परीक्षण इस हफ्ते के अंत में अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता फिर से शुरू करने से पहले किया गया है।
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया अमेरिका को दिखाना चाहता है कि अगर यह वार्ता फिर से विफल रही तो क्या हो सकता है। ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ ने कहा कि पूर्वी तट के जलक्षेत्र में पुकगुकसोंग-3 मिसाइल का परीक्षण सफल रहा और “(उत्तर कोरिया) के लिए बाहरी खतरों को रोकने में बदलाव का एक नया दौर शुरू हुआ है और साथ ही आत्मरक्षा के लिए अपनी सैन्य ताकत को और मजबूत किया गया है।”
हालांकि एजेंसी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि उसकी सुरक्षा को किन बाहरी ताकतों से खतरा है। लेकिन उत्तर कोरिया ने पहले कहा था कि अमेरिकी सेना के खतरों से निपटने के लिए उसे परमाणु अस्त्रों से लैस मिसाइल विकसित करने पर मजबूर होना पड़ा था।
उत्तर कोरियाई और अमेरिकी अधिकारी, उत्तर कोरिया के परमाणु संकट को खत्म करने के तरीकों पर चर्चा के लिए कूटनीतिक संबंधों की फिर से शुरुआत करने को लेकर शनिवार को मुलाकात करने वाले हैं। वियतनाम में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच फरवरी में तय दूसरी शिखर वार्ता रद्द होने के बाद से कूटनीतिक संबंधों में गतिरोध बना हुआ है।