गोदरेज समूह के चेयरमैन आदि गोदरेज ने गुरुवार को आर्थिक सुस्ती दूर करने के लिए सरकार से व्यक्तिगत आयकर की दरें कम करने के साथ उद्योगों को और राहत देने की मांग की।
गोदरेज ने आर्थिक सम्मेलन में यहां कहा कि इन कदमों से राजकोषीय स्थिति प्रभावित हो सकती है लेकिन सरकार को ये उपाय करने चाहिए। उन्होंने कहा, अर्थव्यवस्था की मौजूदा वृद्धि दर सुस्त है और हमें इसे तेज करने की जरूरत है। आर्थिक वृद्धि तेज करने की जरूरत है।
ऊंची वृद्धि के लिए और सुधारों की तैयारी: अर्थव्यवस्था को ऊंची वृद्धि की राह पर ले जाने के लिए सरकार आगामी दिनों में कई और संरचनात्मक सुधार लाने की तैयारी में है। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कान्त ने डब्ल्यूईएफ को संबोधित करते हुए कहा कि रिजर्व बैंक और सरकार ने देश को फिर ऊंची वृद्धि की राह पर ले जाने के लिए कई कदम उठाए हैं। मुझे लगता है कि अभी कई और संरचनात्मक सुधार किए जाएंगे। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र में विनिवेश को आगे बढ़ा रही है।
ऋण के लिए गारंटी महिला उद्यमियों की राह में बाधा: ऋण के लिए गारंटी और इक्विटी के जरिए पूंजी जुटाना ये दो बातें हैं जो कि महिला उद्यमियों के समक्ष वित्त पोषण में कमी का मुख्य कारण हंै। एसबीआई की पूर्व चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, यह मान्यता कि महिलाएं पैसे का रखरखाव ठीक से नहीं करती हैं, इसे बदलने की जरूरत है।
कंपनी कर में कटौती से अच्छे परिणाम मिलेंगे: कॉरपोरेट कर कम करने से उद्योग जगत में सुधार की संभावना के बारे में पूछे जाने पर गोदरेज ने कहा,यह कदम अच्छा साबित होगा लेकिन और उपाय करने की जरूरत है। उन्होंनेे कहा कि मांग में नरमी अब लगभग स्पष्ट दिख रही है। उन्होंने वृद्धि तेज करने, विशेषकर एफएमसीजी क्षेत्र के लिए, के उपायों के बारे में कहा, जीडीपी वृद्धि नरम है। हमें अर्थव्यवस्था को मजबूती देने लिए और उपाय करने की जरूरत है।