रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने लोगों को दिवाली पर एक और तोहफा दिया है। आबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। अब रेपो रेट 5.40 फीसदी से घटकर 5.15 फीसदी हो गई है। यानी अब लोगों का होम लोन, कार और पर्सनल लोन की ईएमआई (EMI) का बोझ और कम होगा। आरबीआई ने पांचवीं बार रेपो रेट में कटौती की है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी (GDP) ग्रोथ रेट का का अनुमान 6.9 फीसदी से घटाकर 6.1 फीसदी कर दिया है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (RBI Monetary Policy Meeting) तीन दिन की बैठक की बैठक 1 अक्टूबर से शुरू हुई थी। आज आरबीआई ने दरों की घोषणा की। आरबीआई ने जीडीपी का अनुमान भी घटा दिया है। आरबीआई 2020-21 के लिए जीडीपी अनुमान रिवाइज कर 7.2 फीसदी कर दिया है।
विशेषज्ञों का मानना था कि अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज करने और निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए ब्याज दरों में कटौती जरूरी है। इसको देखते हुए रिजर्व बैंक कल शुक्रवार को नीतिगत दरों में एक और कटौती कर सकता है।
सरकार ने आगामी त्योहारी सीजन में आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन को कॉरपोरेट कर की दर में कटौती और ऋण का उठाव बढ़ाने को लेकर कदम उठाए हैं। आईडीएफसी एएमसी के प्रमुख सुयश चौधरी ने भी कहा कि वैश्विक और घरेलू परिदृश्य कमजोर है जिससे मौद्रिक रुख में नरमी की गुंजाइश है। हमें उम्मीद है कि रेपो दर को 5 से 5.25% के दायरे में लाया जाएगा।
लगातार पांच बार मिली राहत
तारीख रेपो दर कटौती
07 फरवरी 19 6.25 0.25
04 अप्रैल 19 6.00 0.25
06 जून 19 5.75 0.25
07 अगस्त 19 5.40 0.35
04 अक्टूबर 19 5.15 0.25
(आंकड़े प्रतिशत में )
खुदरा महंगाई अभी भी दायरे में
आर्थिक गतिविधियां सुस्त हैं लेकिन खुदरा महंगाई संतोषजनक दायरे में है। अगस्त में खुदरा महंगाई बढ़कर 3.21 प्रतिशत हुई है लेकिन यह रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर के दायरे में है। हालांकि, हाल के दिनों में कई राज्यों में भारी बारिश के चलते प्याज, सब्जियों के दाम में बड़ा उछाल आया है।