3 जनवरी 2022 से देश भर में 15-18 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण शुरू हुआ. इस आयुवर्ग के बच्चों के लिए कोवैक्सीन का चयन हुआ. और बिहार (Bihar) के नालंदा (Nalanda) में दो किशोर भाइयों को कोवैक्सीन की जगह कोविशील्ड (Covishield) का टीका लगा दिया गया है. मामला सामने आने के बाद टीका लगाने वाले नर्सिंग स्टाफ़ को वहां से हटा दिया गया.
मामला क्या है?
नालंदा के बिहार शरीफ स्थित प्रोफेसर कॉलोनी के रहने वाले पीयूष रंजन और आर्यन किरण ने आजतक को बताया कि उन्होंने रविवार, 2 दिसंबर को कोवैक्सिन के लिए स्लॉट बुक कराया था. दोनों भाई सोमवार 3 जनवरी को सुबह 10 बजे के करीब नालंदा स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित टीकाकरण केंद्र IMA हॉल पहुंचे. वहां सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन दोनों को टीका लगा दिया गया. इसके बाद उन्हें पता चला कि उन दोनों को कोवैक्सीन की जगह कोविशील्ड का टीका लगा दिया गया है. जब इस बारे में उन्होंने वैक्सीनेटर से पूछा तो उन्हें बताया गया कि कोविशील्ड लेने से कोई परेशानी नहीं होगी.
पिता को हो रही चिंता
किशोरों के पिता प्रियरंजन कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा घोर लापरवाही बरती गई है. इस मामले में जब वो सिविल सर्जन कार्यालय में गए तो दोनों भाइयों को वहां डेढ़ घंटे तक ऑब्जर्वेशन में रखा गया और यह कहकर भेज दिया गया कि अगर कोई परेशानी होगी तो उनके घर मेडिकल टीम को भेज दिया जाएगा. अब किशोर के माता-पिता को ये चिंता है कि दूसरी वैक्सीन से कहीं बच्चों में कोई साइडइफेक्ट ना हो जाए. प्रियरंजन कुमार का कहना है कि
“स्वास्थ विभाग खुद को सुरक्षित और बच्चों को असुरक्षित करने में लगा हुआ है. ये कोविशील्ड लगा रहें हैं लेकिन सर्टिफिकेट पर कोवैक्सीन ही लिखा है. जब हमने इसकी शिकायत की तो आनन-फानन में टीका देने वाले दोनों कर्मियों को वहां से हटा दिया गया. लेकिन इस मामले में क्या कार्रवाई हुई है ये हमें नहीं पता.”
सिविल सर्जन ने दिया ये तर्क
इस पूरे मामले में सीएस डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि वैक्सीनेशन में जिस नर्स की ड्यूटी लगी थी, उसकी एंटीजन जांच में रिपोर्ट पॉज़िटिव आई. इसके बाद उसे वहां से हटाकर दूसरे स्वास्थ्यकर्मी को लगाया गया, लेकिन वह उतना ट्रेंड नहीं था. डॉ ने कहा कि ड्यूटी में लगाने से पहले उसे पूरी जानकारी देनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. उसने अनजाने में को-वैक्सीन की जगह कोविशील्ड दे दी. सुनील कुमार ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए तत्काल वैक्सीनेटर से स्पष्टीकरण मांगा है. उन्होंने दोनों किशोरों को अपना मोबाइल नंबर देते हुए कहा कि अगर किसी तरह की परेशानी हो तो वे तत्काल संपर्क करें